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मत होना उदास / बद्रीनारायण

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कुछ जून ने बुना
कुछ जुलाई ने

नदी ने थोड़ा साथ दिया

थोड़ा पहाड़ ने

बुनने में रस्सी मूँज की।


प्रभु की प्रभुताई बाँधी जाएगी

यम की चतुराई

हाथी का बल

सोने-चाँदी का छल बाँधा जाएगा

बाँधा जाएगा

विषधर का विष


कुछ पाप बाँधा जाएगा

कुछ झूठ बाँधा जाएगा


रीति तुम चुप रहना

नीति मत होना उदास।