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मधुगीत / हरिवंश राय बच्चन / विलियम बटलर येट्स
Kavita Kosh से
अधरों पर आती है मदिरा,
आँखों में आता है प्यार;
बूढ़े हो मरने के पहले
पड़ना है अपने तो पल्ले
इतना ही जीवन का सार;
मैं शराब का जाम उठाता,
तुमको अपने आगे पाता,
देता उसको तुम पर वार !
अधरों पर आती है मदिरा,
आँखों में आता है प्यार !
मूल अँग्रेज़ी से हरिवंश राय बच्चन द्वारा अनूदित
लीजिए अब पढ़िए यही कविता मूल अँग्रेज़ी में
William Butler Yeats
A Drinking Song
Wine comes in at the mouth
And love comes in at the eye;
That’s all we shall know for truth
Before we grow old and die.
I lift the glass to my mouth,
I look at you, and I sigh.