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मधुमक्खी / श्रवण कुमार सेठ
Kavita Kosh से
ऊँचे पेड़ में
छुप छुप के
मधुमक्खी सब
मिलजुल के,
मधु जुटाएँ
छत्ते में
कोच्चि से
कलकत्ते में।