भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

मध्यवर्गीय आदमी भूल जाता है / गुँजन श्रीवास्तव

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

मंच पर खड़ा आपका प्रिय नेता
दे रहा होता है जब
अपनी उपलब्धियों का श्रेय
सवा करोड़ जनता के विश्वास
और उसके मताधिकार को तब

उसी मंच के नीचे खड़ा
 गुमान से मुस्कुराता नादान ग़रीब
और निम्न मध्यमवर्गीय आदमी
 भूल जाता है :

एक सुई के अभाव में हुई
बेटी की मृत्यु
कर्ज़ के तनाव से किसान पिता
की आत्महत्या
बेटे की बेरोजगारी
बहनों पर हुए बलात्कार

आख़िर
और हज़ारों मील पैदल चलते हुए
उसके भाई, भाभी और उनके
दुधमुँहे बच्चे की मृत्यु का
गुनहगार कौन है?

और इसका श्रेय
किसको जाना चाहिए !