भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

मनाही / दुःख पतंग / रंजना जायसवाल

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

हृदय में धड़कन
आँखों में तरलता
रक्त में उष्णता
आत्मा में ईश्वर
शरीर में जीवन और
कविता में शब्द की तरह
रहता है वह

और मनाही है उसे
अपना कहने की।