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मनुवादी/ मुकेश मानस
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मनुवादी
उसने मेरा नाम नहीं पूछा
मेरा काम नहीं पूछा
पूछी एक बात
क्या है मेरी जात
मैंने कहा - इंसान
उसके चेहरे पर उभर आई
एक कुटिल मुस्कान
उसने तेजी से किया अट्टहास
उस अट्टहास में था
मेरे उपहास का
एक लम्बा इतिहास
1988