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मनुष्य और सर्प / जगन्नाथ त्रिपाठी
Kavita Kosh से
मनुष्य और सर्प
कल्पना किया
विश्व एक त्रिभुज है।
मानव और सर्प
उसकी दो भुजाएँ
सिद्ध करना हैं
त्रिभुज की पहली भुजा
यानी मनुष्य
लम्बाई में
उसकी दूसरी भुजा
यानी सर्प से
बड़ी है।
हैरत-अंगेज़ हैं