मनुष्य जब करते हैं प्यार / विलिमीर ख़्लेबनिकफ़ / वरयाम सिंह
मनुष्य जब प्यार करते हैं
वे अपनी आँखें फैलाते हैं
और आहें भरते हैं ।
जानवर जब प्यार करते हैं
उड़ेल देते हैं उदासी आँखों में
और झाग से बनाते हैं लगाम का दहाना ।
सूर्य जब प्यार करते हैं
ढक देते हैं रातों को पृथ्वी से बने वस्त्र से
और जाते हैं मित्रों के पास नृत्य करते हुए ।
देवता जब प्यार करते हैं
कीलित कर देते हैं ब्रह्माण्ड के कम्पन को
जैसे पूश्किन ने किया था
वलकोंस्की की नौकरानी की प्रेमाग्नि को ।
1911
मूल रूसी भाषा से अनुवाद : वरयाम सिंह
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लीजिए, अब रूसी भाषा में यही कविता पढ़िए
Велимир Хлебников
Люди, когда они любят
Люди, когда они любят,
Делающие длинные взгляды
И испускающие длинные вздохи.
Звери, когда они любят,
Наливающие в глаза муть
И делающие удила из пены.
Солнца, когда они любят,
Закрывающие ночи тканью из земель
И шествующие с пляской к своему другу.
Боги, когда они любят,
Замыкающие в меру трепет вселенной,
Как Пушкин — жар любви горничной Волконского.
1911 г.