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मन को भा जानेवाले दिन / प्रभुदयाल श्रीवास्तव
Kavita Kosh से
याद मुझे अक्सर आ जाते, आने,दो आने वाले दिन|
दूध मलाई गरम जलेबी, और रबड़ी खाने वाले दिन||
तीस रुपये में मझले काका, दिल्ली तक होकर आ जाते|
एक रुपये में ताजा खाना, होटल में छककर खा आते||
बिन कुंडी के बाथ रूम में, बेसुर में गानेवाले दिन|
याद मुझे अक्सर आ जाते, आने दो आने वाले दिन||
नाई काका बाल बनाने, पेटी लेकर घर आ जाते|
दो रुपये में एक सैकड़ा, चाचा हरे सिंगाड़े लाते||
जेब खर्च के लिये पिता से, दो पैसे पाने वाले दिन|
याद मुझे अक्सर आ जाते, आने दो आने वाले दिन||
गब्बर बैल जुती गाड़ी में, भेरों के मेले में जाना|
फुलकी,गरम कचौड़ी, बर्फी, किसी हाथ ठेले पर खाना||
हँसते गाते, धूम मचाते, मन को भा जाने वाले दिन|
याद मुझे अक्सर आ जाते, आने दो आने वाले ||