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मन रूम झूम नाचे / पीसी लाल यादव
Kavita Kosh से
मन रूम-झूम नाचे, सुनके बंसुरिया कान्हा के।
ग्वाल नाचे गोपी नाचे
नाचे गरुवा-बछरू।
राधा-रानी मगन नाचे
बांधे पाँव म घुँघरू।
मन रूम-झूम नाचे, सुनके बंसुरिया कान्हा के।
पाँख पसारे मंजूर नाचे
नाचे चिरई-चिरगुन।
कदम के डारा मुड़ी हलावे
सुन-सुन के मुरली धुन॥
मन रूम-झूम नाचे, सुनके बंसुरिया कान्हा के।
लहर-लहर लहरा के नाचे
जमुना मइया के लाहरा।
सुध-बुध सबो बिसरगे
छुटगे लाज के पाहरा॥
मन रूम-झूम नाचे, सुनके बंसुरिया कान्हा के।
फूल-पान घलो सब नाचे,
नाचे पवन-पुरवाही।
पुन्नी रतिहा फिटिक अंजोरी
चंदा-चंदैनी बगराही॥
मन रूम-झूम नाचे, सुनके बंसुरिया कान्हा के।