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मन से प्रभू का भजन करना होली मतवाला) / आर्त
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मन से प्रभू का भजन करना
देखो न दामन मे दाग लग जाए, गन्दी डगर न कदम धरना।।
काल गहे कर्मों का लेखा , जैसा करे फल वैसा ही देखा
’आर्त’ मगन मन प्रभू गुन गाये , भव से तरन का जतन करना ।।
‘आर्त’ दुखी की सेवा किये जा, धरम करम की राह चले जा
देखो न जीवन वृथा बीत जाये , जग में भला ही करम करना ।।
अंजनि लला के चरण मन लाओ, पडि कुसंग न अपयश कमाओ ।
हनुमत चरित सुनत मन हरषे , दुइनो नयन नेह जल बरसे
देखो न दुनिया तुम्हे गरियाये , दुष्कर्मों से शरम करना ।।