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मन ही मन तुमसे बतियाना अच्छा लगता है / रंजना वर्मा
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मन ही मन तुमसे बतियाना अच्छा लगता है
सपना है यह लेकिन कितना अच्छा लगता है
ख़्वाबों की रंगीन तितलियों के पीछे दौड़े
यह दीवानापन भी मन को अच्छा लगता है
भँवरे जब गुन गुन गुन कर बगिया में आते हैं
कलियों को हँसना इठलाना अच्छा लगता है
साथ साथ हम रह पायें या नहीं ख़ुदा जाने
हमें तुम्हारा साथ सुहाना अच्छा लगता है
रहे अधूरे वादे सारी कसमें टूट गयीं
रिश्ता पर बेबाक निभाना अच्छा लगता है
रहें हमेशा साथ एकदिल दिल घुल मिल जायें
रहे जिंदगी आना जाना अच्छा लगता है
स्वागत सदा नवागत का ही होता है फिर भी
गुजरा हुआ अतीत पुराना अच्छा लगता है