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मम्मी हमरा भूख लगल छौ / अंजनी कुमार सुमन
Kavita Kosh से
मम्मी हमरा भूख लागल छौ, मम्मी पूड़ी हलुआ दे
सौंसे-सौंसे अलुआ दे,
ठण्ढा-फन्डा भात नै खैबौ, हमरा पूड़ी-हलुआ दे।
देभी तेॅ इस्कूलो जैबौ नै तेॅ छुट्टी आय मनैबौ
खैबौ जब तक, तब तक नै हम
क, ख, ग, घ पढ़ी सुनैबौ
सेंकल-साँकल भी नै लेबौ, जल्दी पूड़ी तलुआ दे
मम्मी हमरा भूख लगल छौ सौंसे-सौंसे अलुआ दे!
बहुत बहाना मारै छी तों, उल्टे हमरे झारै छी तों
आय बनल छौं, हम्में जिद्दी, देखी केना टारै छी तों
ओकरौ पर जे नै देभी तू फुलले रहतौ गलुआ दे
मम्मी हमरा भूख लगल छौ, सौंसे-सैंसे अलुआ दे
एक्को दिन तेॅ टिफिन में हमरा बिस्कुट निमचुस कुछ नै दै
पैसा तों झुठकोरबा दै केॅ नूनू समझी रोज ठगै छी
नकली पैसा आय नै लेबौ, खट-खट पैसा चलुआ दे
मम्मी हमरा भूख लागल छौ, सौंसे-सौंसे अलुआ दे।