भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
मरघट में एक और जश्न / कल्पना सिंह-चिटनिस
Kavita Kosh से
हिन्दी शब्दों के अर्थ उपलब्ध हैं। शब्द पर डबल क्लिक करें। अन्य शब्दों पर कार्य जारी है।
जाने कितनी मन्नतें मानकर
उसने एक सुबह मांगी थी,
और सूरज की चुटकी भर सिंदूरी किरण से
अपनी मांग सजाई थी।
पर समाज के अवैध खाते में
एक स्त्रियोचित कर्ज था वह,
जिसे अदा करते-करते
वह पूरी की पूरी चुक गयी
और उसकी सुबह
रात के हवाले कर दी गई।
फिर इंसानियत के मरघट में
दहेज़ ने एक और चिता सजाई,
हवस ने एक और जश्न मनाया।