Last modified on 24 अक्टूबर 2013, at 12:38

मर्जी की मर्जी / इमरोज़ / हरकीरत हकीर

मैं सोहनी हूँ
सोहनी से सोहनी
मुझे मनचाहे की तलाश है
मास्टरपीस बनने की तलाश नहीं
 दुनिया के सारे मास्टरपीस
दीवारों से टंगे हुए हैं सब स्टिललाइज
मैंने खिला फूल बनना है
हमेशा रहने वाला पेटिंड फूल नहीं
मैं सोहनी हूँ
सोहनी से सोहनी
हर दरिया हर रोक
पार करूँ अपने आप संग
कच्चे घड़े के संग भी और पक्के घड़े के संग भी...