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मर्जी की मर्जी / इमरोज़ / हरकीरत हकीर
Kavita Kosh से
मैं सोहनी हूँ
सोहनी से सोहनी
मुझे मनचाहे की तलाश है
मास्टरपीस बनने की तलाश नहीं
दुनिया के सारे मास्टरपीस
दीवारों से टंगे हुए हैं सब स्टिललाइज
मैंने खिला फूल बनना है
हमेशा रहने वाला पेटिंड फूल नहीं
मैं सोहनी हूँ
सोहनी से सोहनी
हर दरिया हर रोक
पार करूँ अपने आप संग
कच्चे घड़े के संग भी और पक्के घड़े के संग भी...