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मर जाता है वह धीरे - धीरे / मार्ता मेदेइरोस / प्रतिभा उपाध्याय

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मर जाता है वह धीरे-धीरे
करता नहीं जो कोई यात्रा
पढ़ता नहीं जो कुछ भी
सुनता नहीं जो संगीत
हँस नहीं सकता जो ख़ुद पर।

मर जाता है वह धीरे-धीरे
नष्ट कर देता है जो ख़ुद अपना प्यार
छोड़ देता है जो मदद करना ।

मर जाता है वह धीरे-धीरे
बन जाता है जो आदतों का दास
चलते हुए रोज़ एक ही लीक पर
बदलता नहीं जो अपनी दिनचर्या
नहीं उठाता जोखिम जो पहनने का नया रंग
नहीं करता जो बात अजनबियों से ।

मर जाता है वह धीरे-धीरे
करता है जो नफ़रत जुनून से
और उसके चक्रवाती जज्बातों से
उनसे जो लौटाते हैं चमक आँखों में
और बचाते हैं अभागे हृदय को ।

मर जाता है वह धीरे-धीरे
बदलता नहीं जो जीवन का रास्ता
असन्तुष्ट होने पर भी अपने काम से या प्रेम से
उठाता नहीं जो जोखिम अनिश्चित के लिए निश्चित का
भागता नहीं जो ख़्वाबों के पीछे
नहीं है अनुमति जिसे भागने की
लौकिक मंत्रणा से ज़िन्दगी में कम से कम एक बार ।

जियो आज जीवन ! रचो आज !
उठाओ आज जोखिम
मत दो मरने ख़ुद को आज धीरे-धीरे
मत भूलो ख़ुश रहना !!

स्पेनिश से अनुवाद : प्रतिभा उपाध्याय