मगही लोकगीत ♦ रचनाकार: अज्ञात
मलिया के बाघ<ref>बाग</ref> में बरसे झालर<ref>बूँदों की झड़ी लगाने वाला</ref> मेघ हे।
भींजले दुलरुआ मउरिया<ref>मौर</ref> सहित हे॥1॥
मउरी के रखिहऽ दुलरुआ मलिया के पास हे।
निहुरि निहुरि<ref>झुक-झुककर</ref> दुलरुआ करिहऽ<ref>करना</ref> परनाम हे॥2॥
शब्दार्थ
<references/>