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मशीन भी झपकी ले रही है / जू लिझी / सिमरन

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मशीन भी झपकी ले रही है
सीलबन्द कारख़ानों में भरा हुआ है बीमार लोहा
तनख़्वाहें छिपी हुई हैं पर्दों के पीछे

उसी तरह
जैसे जवान मज़दूर अपने प्यार को
दफ़न कर देते है अपने दिल में,
अभिव्यक्ति के समय के बिना
भावनाएँ धूल में तब्दील हो जाती हैं

उनके पेट लोहे के बने हैं
सल्फ़युरिक, नाइट्रिक एसिड जैसे गाढे़ तेज़ाब से भरे
इससे पहले कि उनके आँसुओं को गिरने का
मौक़ा मिले
यह उद्योग उन्हें निगल जाता है

समय बहता रहता है,
उनके सिर धुँध में खो जाते हैं
उत्पादन उनकी उम्र खा जाता है
दर्द दिन और रात ओवरटाइम करता है
उनके वक़्त से पहले
एक साँचा उनके शरीर से
चमड़ी अलग कर देता है
और एल्युमीनियम की एक परत चढ़ा देता है

इसके बावजूद भी कुछ
बच जाते हैं
और बाक़ी बीमारियों की भेंट चढ़ जाते हैं
मैं इस सब के बीच
ऊँघता पहरेदारी कर रहा हूँ
अपने यौवन के कब्रिस्तान की।

अँग्रेज़ी से अनुवाद : सिमरन