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महाकाल / भुवनेश्वर सिंह भुवन

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परीक्षा में फेल चटियाँ-
कनेल-कोचलॅ खैलकै,
जहाजॅ सें धोंस देलकै, जान गमैलकै।
धर्में, कहलकै ”प्रारब्धें लेलकै।“

जुआन बेटी किरासन तेल छीटी-
आगिन लगैलकै, जान गमैलकै
समाजें कहलकै ”कालें खैलकै।“
कृष्ण क्राइस्ट, महात्मा गाँधी, लूथर,
मरी केॅ भगवान भेॅ गेलै।
कालें मारलकै, दुनियाँ पूजलकै।
ऐहनॅ काल, बेसुरा बसुल्ली,
बताहा माथा के सेखचिल्ली,
बिना गुलेली के गुल्ली।

आय-
मशीनें हिसाब बनाबै छै,
एकदम सच्चा-आदमी सें अच्छा।
काल वें प्रेम करतै-बच्चा जनतै,
पुजाँ दाबला पर जीतै, उठैला पर मरतै
जेना बिजली बत्ती-पंखा
फेरु जीतै, फेरू मरतै,
दिनॅ में सॅ बेर, हजार बेर
कालबली!
तखनी तोंयँ कन्नेॅ जैभौ?
करखैलॅ मूँ कहाँ नुकैमौ?