कर दिया वह सत्य तुमने,
कहते जिसे अभी तक मिथ्य थे,
कल्पना दृढ़ प्रतिज्ञ हो तो,
हर खुशी ही लब्ध है।
देश की महान बेटी,
वीरता की मिसाल बेटी,
नई पीढ़ी प्रेरणा ले,
हीनता पर विजय पावे।
कल्पना का नाम लेते ही,
हृदय में जोश जागे,
विज्ञान की हर खोज में
तरुणियाँ पीछे न भागे।
विदा करते इस कली को,
अश्रु तो थमथे हैं नहीं,
एक विनती है यही,
तुम पुन: आना, पुन: आना।