महिमा अगम अपार, आनन्दी माँ हे / मैथिली लोकगीत

मैथिली लोकगीत   ♦   रचनाकार: अज्ञात

महिमा अगम अपार, आनन्दी माँ हे
कथी के आसन माँ हे, कथी के सिंहासन
कओने नाम धराय, आनन्छी माँ हे
सोना के आसन, रतन सिंहासन
काली नाम धराय, आनन्दी माँ हे
तोहेँ देवी काली माँ हे, तोहेँ श्रीसुन्दरि
ज्योति जरय दिन-रााित, आनन्दी माँ हे
जे इहो गाओल माँ हे, पूर्ण फल पाओल
दिन-दिन पाबय वरदान, आनन्दी माँ हे

इस पृष्ठ को बेहतर बनाने में मदद करें!

Keep track of this page and all changes to it.