बंश बिरिछ के दू गो कोपल धीया-पूता नाम
दुन्नों के समतूल वजन हे-महिमा एक समान।
धीया बून रिमझिम त पूत कार बदरी
धीया संगे मिल के बसावे पूत नगरी
पूत निअन धीआ के नेह दऽ, दुलार दऽ!
भोजन दऽ, कपड़ा दऽ, ज्ञान-संस्कार दऽ!
धीया के ताकत से पूत करे मेहनत
धीया से पूता के बगबग हे पगड़ी।
धीनया बून रिमझिम त पूत कार बदरी
धीया बहीन बने, बहू माय, सास बने
कुल के मरजाद, बंश-आस-बिश्वास बने
ममता के मूरत, करुना के सागर
पोर-पोर छलके पिरितिया के गगरी
धीनया बून रिमझिम त पूत कार बदरी
बिजुरी के चमके से थर-थर जे काँपे
अगिया के धाह ओही देहिया से नापे
बनला पर दुर्गा, भवानी रनचंडी
कांटा-कूर बिन-बिन के रचे-रिचे डगरी
धीनया बून रिमझिम त पूत कार बदरी।