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महिमा बिहार के / सुधीर कुमार 'प्रोग्रामर'

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देखलों बहार एंगना घूमी-घूमी
गाबै हमरो बिहार हो झूमी-झूमी।

विक्रमशिला के गाथा, अपरमपार जी
समुन्दर केॅ मही देलकै, पर्वत मंदार जी
बुद्ध के दुआर देहरी चूमी-चूमी
गाबोॅ महिमा बिहार के झूमी-झूमी।

विद्यापति जी हमरोॅ, मैथली महान जी
भोजपुरी गीत-गाथा, भिखारी के शान जी
नेपाली के गीत गाबोॅ आमि तुमि
अंग अंगिका सुनबोॅ हो झूमी-झूमी।

साईकिल पे चिडियां नाकी, चहकै बहिनियाँ
हमरोॅ विकास देखी, चैकै छै दुनियाँ
नालंदा में लोग आबै जूमी-जूमी
गाबै हमरो बिहार हो झूमी-झूमी।