माँगने वालों का गीत / अमिताभ बच्चन
1.
माँगने में कोई बुराई नहीं
आदमी को माँगना चाहिए
पूरी ताक़त से माँगना चाहिए
मिल-जुल कर माँगना चाहिए
माँगने में शर्माना नहीं चाहिए
माँगते समय
गिरने का भाव नहीं आना चाहिए
ज़्यादा से ज़्यादा माँग लेना चाहिए
कि बाद में नहीं माँगने केलिए पछताना न पड़े
पैसा, मकान, ज़मीन
काम
सड़क
पानी
रोशनी
क़िताबें
खेल का मैदान
छुट्टी
यात्राएँ
दफ़न होने की जगह
सब माँगना चाहिए
भरपूर माँगना चाहिए
हक समझ कर माँगना चाहिए
सहायता पाने की तरह नहीं माँगना चाहिए
नहीं मिलने की उम्मीद हो
फिर भी माँगना चाहिए
डट कर माँगने में
मारे जाने का खतरा हो
फिर भी माँग कर आजमाना चाहिए
माँगने में कोई बुराई नहीं
लेकिन
माँगने वालों
तुम्हें यह भूलना नहीं चाहिए
सिर्फ माँगते रहोगे
तो देने वाले बचे रहेंगे
देने में डण्डी मारेंगे
कम देंगे और ज़्यादा देने पर अँगूठा लगवाएँगे
देकर छीनते रहेंगे
माँगने की रिवायत
का अन्त करने के लिए
माँगते रहना
काफ़ी नहीं
माँगने की रिवायत
का अन्त करने के लिए
देने वालों का वजूद
मिटाना पड़ेगा
देने वालों का वजूद
माँगकर
नहीं मिटाया जा सकता
2.
हम उनके लिए माँगते हैं
जिनके पास कुछ नहीं है
हम सुदूर इलाकों में जाकर
उनका पता लगाते हैं
हम उन्हें समझाते हैं
माँगने से क्या नहीं मिलता
हम उन्हें आहिस्ता-आहिस्ता
माँगने में समर्थ बनाते हैं
जलील होकर भी माँगना सिखाते हैं
00
माँगने की कला में महारत हासिल करने के बाद
हमने ये जाना है
कि देने वाला माँगने की तमीज सिखाए बगैर
कभी कुछ नहीं देता
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माँगने का हमने बहुत बड़ा तन्त्र खड़ा किया है
हमारे जैसे चुस्त और ठोक-बजाकर माँगने वाले
बहुत कम हैं
देने वालों के बीच हम जैसा लोकप्रिय कोई नहीं
हम अब भिखारी नहीं रहे
देने वाले हमारे दरवाज़े पर आते हैं
हमारा माँगना आन्दोलन बन चुका है
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माँगना हमारा पेशा है
माँगने की हम जबर्दस्त तैयारी करते हैं
माँगने के औचित्य पर निरन्तर हमारा विमर्श चलता है
देने वाले की हर कमज़ोर नब्ज़ हम जानते हैं
मजाल है कि हम माँगें
और देने वाला मना कर दे
00
सच पूछिए तो हमारा माँगना एक नाटक है
दरअसल हम देने वालों के साथ हैं
हम देने और लेने वालों के बीच
हिंसा और ख़ून-ख़राबा नहीं चाहते
देने वालों की सहुलियत के लिए
हम माँगने की परम्परा कायम रखना चाहते हैं
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ये जो तुम दे रहे हो
दरअसल ये है किसका
तुम्हारे पास ये आया कहाँ से
देने वालों से ये पूछ कर
हम अपना धन्धा चौपट नहीं कर सकते
हमारा बुनियादी काम माँगना है
हमारी शोहरत माँगने से बनी है
औरों के लिए माँगकर
हम अपना काम चलाते हैं
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हम जिनके लिए माँगते हैं
उनसे नहीं कहते
लड़ो मत
हम जानते हैं
वे लड़ नहीं सकते
और उन्हीं के लिए लिखी जा सकती हैं अर्जियाँ
00
हमने अभी आस नहीं छोड़ी है
चक्कर चला रहा हूँ
कि कुछ ऐसा, इतना बड़ा माँग लूँ
कि मरने तक
फिर मँगने की नौबत ही न आए
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माँगते हुए
हमारा पूरा जीवन निकल गया
फिर भी यह समझ न आया
कि माँगते रहने से नहीं बनेगी बात