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माँटी हिन्दुस्तान के / माँटी हिन्दुस्तान के / राहुल शिवाय
Kavita Kosh से
राणा आरो शिवाजी जेहनोॅ
जहाँ वीर संतान भेलै,
अकबर आरो अशोक जहाँ पर
माँटी के अभिमान भेलै;
चन्द्रगुप्त, पोरश के गाथा
वीरोॅ के अभिमान के,
शुरु सेॅ वीरोॅ के जननी छै
माँटी हिन्दुस्तान के ।
देश रोॅ आजादी के खातिर
फाँसी कतना चढ़ी गेलै,
पन्ना दाई एहनोॅ वीरनी
पूत पालना धरी गेलै;
अमर ज्योति छै जहाँ पे सूचक
वीरोॅ के बलिदान के,
शुरु सेॅ वीरोॅ के जननी छै
माँटी हिन्दुस्तान के ।
लक्ष्मीबाई रं के शेरनी
जहाँ युद्ध मैदानोॅ मेॅ,
मानिक शा रं शेर जहाँ छै
माय के वीर जवानोॅ मेॅ;
गावै छै कण-कण ई गाथा
भारत के अभिमान के
शुरु सेॅ वीरोॅ के जननी छै
माँटी हिन्दुस्तान के ।
रचनाकाल- 10 जून 2011