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माँ आई / नरेन्द्र जैन
Kavita Kosh से
शहर में
माँ आई
माँ ने जाना शहर
शहर ने नहीं जाना
माँ तुम्हारी आई
माँ आई
शहर में
पूरा का पूरा गाँव लिए
माँ के संग
आया गाँव
आए गाँव के घर द्वार बच्चे
किस्से किम्वदन्तियाँ
पेड़-पौधे
बचपन की भाषा
शहर से माँ गई
गाँव पीछे-पीछे लौटा
कन्धे पे उसका सामान लिए