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माँ जो तू आज मेरे साथ नहीं / सिया सचदेव
Kavita Kosh से
माँ जो तू आज मेरे साथ नहीं
मेरे हिस्से में कायनात नहीं
तेरे आँचल में छुप के सो जाती
मेरी किस्मत में अब वो रात नहीं
जिससे पूछो वहीं ये कहता है
मुश्किलों से मुझे नज़ात नहीं
मौत से क्यूँ मुझे डराते हो
रुह को जब कभी वफ़ात नहीं
जिंदगानी में रस नहीं होगा
ग़म अगर शामिले हयात नहीं
जाने क्यूँ तुम खफ़ा हुए मुझसे
बात जैसी तो कोई बात नहीं
हूक उठती नहीं कहीं से भी
अब कोई दिल में वारदात नहीं