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माँ बाप की दुआओं में इतना असर भी है / सिया सचदेव

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माँ बाप की दुआओं में इतना असर भी है
मैं जी रही हूँ शान से शानों प् सर भी है
 
ये भी है खुसूसियत है मिरे दौर की जनाब
दुनिया की जुस्तजू भी है सजदे में सर भी है
 
उस बेवफा ने छोड़ दिया रास्ते में साथ
सो दास्तान ए इश्क़ मिरी मुख़्तसर भी है
 
उड़ती हुई निगाह वो डाले तो खिल उठू
काग़ज़ तो आंसुवों से मिरे दिल का तर भी है
 
सदियों से उसके हिज्र में रोती रही हूँ मैं
अब लोग पूछते हैं की अपनी ख़बर भी है

उक़बा की फिक्र है तो इबादत करो सिया
दुनिया है जिसका नाम फ़रेब ए नज़र भी है