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माँ भारती करेली पुकार / सुभाष चंद "रसिया"

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बाघा बार्डर से आइल बा तार भैया।
माँ भारती करेली अब पुकाऱ भैया॥

सीमवा पर डटल रह भैया सीना ताके।
लजिया बचाइह तू बेटवा किसान के।
जिस कलाई में बहना के प्यार भैया॥
बाघ बार्डर से आईल बा तार भैया॥

दुधवा के कीमत चूकैह शान से।
नइखे शिकायत हमके जहांन से।
धन्य माई के कोखिया हमार भैया॥
बाघा बार्डर से आईल बा तार भैया।

रोके रुकेना कदम कबो भाई।
समर में याद कबो आवे न माई।
जेकरी रग-रग में बाबू केदुलार भैया॥
बाघ बार्डर से आईल बा तार भैया॥

हिन्दू ना मुस्लिम सिख ना ईसाई।
हिन्द के वासी बानी भाई-भाई।
हर जन्म में तू लिह अवतार भैया॥
बाघा बार्डर से आईल बा तार भैया॥