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माँ मुझको पेड़ बना देना / सरोजिनी कुलश्रेष्ठ
Kavita Kosh से
बेटा:-माँ! मुझको पेड़ बना देना।
हरा भरा मैं खड़ा रहूँगा
पत्ते मुझ में आयेंगे।
समय समय पर रंग-बिरंगे
फूल बहुत खिल जायेंगे॥
फल लग जायें मीठे मीठे।
पानी खाद लगा देना।
मुझको पेड़ बना देना॥
माँ:-तू क्यों पेड़ बनेगा बेटा।
तू तो पेड़ लगायेगा।
फूल खिलेंगें जब-जब उसमें,
खुशियों से भर जायेगा।
चिड़ियाँ चहकेगी डालों पर,
तू भी संगसंग गायेगा।