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माँ शारदे ! तुमको नमन / राहुल शिवाय
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श्वेतवर्णा ! भारती ! माँ गोमती ! माँ श्वेतानन!
ज्ञानमुद्रा ! वरप्रदा ! माँ शारदे ! तुमको नमन l
मैं अकिंचन, निरालम्बी सामने कबसे खड़ा,
माँ मुझे तुम दो सहारा, मैं चरण में हूँ पड़ा,
सर्वव्यापी शक्ति हो माँ, तुम धरा तुम ही गगन।
तुम कला साहित्य और संगीत की हो चेतना,
देवता भी बनके साधक करते हैं आराधना,
ज्ञान का आशीश दो माँ, रख सकूँ नि:स्वार्थ मन।
ज्ञान बिन मैं माँ अधूरा, मुझको विद्या दान दो,
भाव, पिंगल, शब्द भरकर गीत में नवप्राण दो,
माँ तुम्हारी ही कृपा से गा रहा हूँ मैं भजन l