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माँ सरस्वति का सुभग सिंगार है हिंदी / रंजना वर्मा

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माँ सरस्वति का सुभग श्रृंगार है हिंदी
है सरल अनुपम सहज सुख सार है हिंदी

है सजाती सदा से ही भाल भारत का
कवि हृदय में गूँजती झनकार है हिंदी

देश मे भाषा विविध सम्मान पाती हैं
उन सभी को दे रही निज प्यार है हिंदी

रूठ जाते हैं कभी जब भाव भी मन के
एक मीठी सी मधुर मनुहार है हिंदी

पर्व कितने भी मना लो किन्तु उन सब में
श्रेष्ठ है सब का सरस त्यौहार है हिंदी

विश्व मे भाषा सभी सम्मान पायें पर
हिन्द वालों का सहज अधिकार है हिंदी

ज्ञान है विज्ञान है सम्मान भारत का
हो प्रतिष्ठित विश्व - चमन बहार है हिंदी