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माँ / अमिताभ बच्चन
Kavita Kosh से
हालाँकि मैं सबसे छोटा था
ग़रीब दुर्बल
पर माँ सर्वाधिक मेरे हिस्से में आई
मैं ही था उसका अशिष्ट सेवक
लापरवाह प्रेमी
मैं ही अकेला चूम सकता था उसके गाल
और वही जानती थी बस कि मैं कवि हूँ