माँ / कार्लोस ओकेन्दो दे आमात / प्रभाती नौटियाल
तुम्हारा नाम आता है जैसे सुगम संगीत
और तुम्हारे हाथों से उड़ते हैं सफ़ेद कबूतर
मेरी यादों में तुम हमेशा श्वेत पोशाक में रहती हो
जैसे बच्चे का खेल
जिसे लोग दूर से देखते हैं
एक स्वर्ग तुम्हारी बाहों में मरता है
तो दूसरा पैदा होता है तुम्हारी कोमलता में
तुम्हारी बगल में ममत्व खिलता है
जैसे एक फूल
जब कभी सोचता हूँ
तुम्हारे और क्षितिज के बीच
मेरे शब्द प्राचीन लगते हैं
जैसे बारिश या कोई स्तोत्र
क्योंकि तुम्हारे सामने
गुलाब और गीत भी रहते हैं ख़ामोश।
मूल स्पानी से अनुवाद : प्रभाती नौटियाल
और लीजिए, अब यही कविता मूल स्पानी भाषा में पढ़िए
Carlos Oquendo de Amat
MADRE
Tu nombre viene lento como las músicas humildes
y de tus manos vuelan palomas blancas
Mi recuerdo te viste siempre de blanco
como un recreo de niños que los hombres miran desde aquí distante
Un cielo muere en tus brazos y otro nace en tu ternura
A tu lado el cariño se abre como una flor cuando pienso
Entre ti y el horizonte
mi palabra está primitiva como la lluvia o como los himnos
porque ante ti callan las rosas y la canción