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मांय तो नागा ई / सांवर दइया
Kavita Kosh से
नागा जलमै सैंग
गाभा पैर परा सूधा दीसण लागै
पण
मांय तो नागा ई रैवै
घर-घर बुद्धू बक्सै रो रोग
नागी नाचै नार
नागा नाचै लोग
नागा नै नागा देखै
अर
बिना नागा देखै !