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माई तुम्हरे श्याम कौन गुण कारे / बुन्देली

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   ♦   रचनाकार: अज्ञात

माई तुम्हरे श्याम कौन गुण कारे,
कौन गुण कारे। माई तुम्हरे श्याम...
गोरे नन्द बाबा, सो गोरी यशोदा
सो गोरे ही हैं, बलराम तुम्हारे,
बलराम तुम्हारे। माई तुम्हरे श्याम...
कारे जिन कहो ग्वालन
कारे ही हैं जग के उजियारे,
मोरी आँख के तारे। माई तुम्हरे श्याम...
खेलत गेंद गिरी जमुना में
सो नागनाथ जैसे हो गये कारे,
एही गुन कारे। माई तुम्हरे श्याम...