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माघ मास सिरपंचमी / मैथिली लोकगीत

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मैथिली लोकगीत   ♦   रचनाकार: अज्ञात

माघ मास सिरपंचमी, रंग होरी ओ ब्रज होरी हो
भोर सँ मचय घामार लाल रंग होरी ओ ब्रज होरी हो
ककरा सँ लिखनी लिखाय ककरा पठायब
केये जायत हुनि पास, खबरि हम पायब
कयथे सँ लिखनी लिखायब, हजमा पठायब
देओर जायत हुनि पास, खबरि हम पायब