भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

माझे-माझे दियरा परि गेल / अंगिका

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

   ♦   रचनाकार: अज्ञात

माझे-माझे दियरा परि गेल
ओहि पर लागि गेल कमलक फूल
नान्ही-नान्ही डलिया बुने छौड़ी मलिनियाँ
तोड़िली हे कमला फूल
कोन फूल ओढ़न कोन फूल पहिरन
कोन फूल हे कोसिका के सिंगार
ऐली फूल ओढ़न बेली फूल पहिरन
चमेली फूल कोसिका के हे सिंगार ।