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माटी हे भगवान हमर / पीसी लाल यादव
Kavita Kosh से
माटी हे मान हमर, माटी हे अभिमान हमर।
माटी के पुजोरी हम, माटी हे भगवान हमर॥
सुरूज के उवत ले अउ, सुरुज के बूड़त ले,
माटी मिल माटी होय, तन पछीना चूहत ले।
माटी हे धरम हमर, माटी हे ईमान हमर।
माटी हे मान हमर, माटी हे भगवान हमर॥
अपने पेट भर के नहीं, हे दुनिया भर के संसो।
नई पतियाय कोनो त ले, सत के सौ-सौ परछो।
माटी हे करम हमर, माटी हे गियान हमर।
माटी हे मान हमर, माटी हे भगवान हमर॥
कोनो लांघन नई राहय, नई परे पेट में फोरा।
छत्तीसगढ़ माटी महतारी, मोर धान के कटोरा॥
माटी हे धरम हमर, माटी हे धियान हमर।
माटी हे मान हमर, माटी हे भगवान हमर॥