मेरे माथे के चांद को
चुरा लिया
एक अंधेरी रात ने
मैं ढूंढ़ती उसे
काली रात की पहचान
करूं भी तो कैसे
बस पहचान सकती हूं
अपना चांद
रह गया एक निशान
माथे पर
जहां चमका करता था
चांद
मेरे माथे के चांद को
चुरा लिया
एक अंधेरी रात ने
मैं ढूंढ़ती उसे
काली रात की पहचान
करूं भी तो कैसे
बस पहचान सकती हूं
अपना चांद
रह गया एक निशान
माथे पर
जहां चमका करता था
चांद