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माधव चलल मधइयापुर हे नगरी / मैथिली लोकगीत

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मैथिली लोकगीत   ♦   रचनाकार: अज्ञात

माधव चलल मधइयापुर हे नगरी
तेजि गेल सकल समाज
के मोरा वृन्दावन मे गइया हे चरेतै
के मुख मुरली बजाइ
के मोरा जमुना मे हैत घटबरबा
के मोरा उतारत पार
बाबा मोरा वृन्दावन मे गइआ हे चरेता
भइया मोरा मुरली बजाइ
देओरा मोरा जमुना तट मे हैत घटबरबा
स्वामी लगाओत पार
जौं हम जनितहुँ माधव तेजि जयता
बान्हितहुँ रेशमक डोरि
रेशमक डोरि टुटिये फाटि जयतै
बान्हितहुँ अंचरा लगाय
अंचरा के फाड़ि-फाड़ि कागज बनेलहुँ
नयना के काजर सँ मोसि
चारू कात लिखलहुँ कुशल क्षेम
बीच मे धनि के विरोग