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मानव वह जो करता है मानव / हनुमानप्रसाद पोद्दार

(राग माँढ़)
 
मानव वह जो करता है मानव बन, सब जगकी सेवा।
मिलती उसे सिद्धि मानव-जीवनकी, प्रभु-प्रसाद-मेवा॥