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मामूली आदमी का घोषणापत्र-2 / अरविन्द श्रीवास्तव
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मामूली आदमी हूँ
दिख जाऊँगा सभी जगह
रिक्शा-ठेला खींचता,
मोटिया ढोता
खेत - खलिहान,
स्टेशन-बस अड्डा
सभी जगहों पर
हम ही हम
आप करो चिंता
शेयर-सत्ता,
ओजोन-अन्तरिक्ष की
मुझे करनी है
सवेरे की !