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माय तोरा हँटो गे कोसिका / अंगिका

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   ♦   रचनाकार: अज्ञात

माय तोरा हँटो गे कोसिका
बाप तोरा बोधो से मति जाह सौरा असनान ।
अंगना में आगे कोसिका कुइयाँ खुनाय देबौ
नित उठि करिहे असनान ।
हँटलो ने माने कोसी बोधलो ने मानेµ
वलि भेलै कोसिका सोरा असनान ।
जाहि घाट आगे कोसिकाµ
करै गो असनानताहि घाट अहिरा पड़रू नमावै ।
घाट छोड़ू बाट छोड़ू पूत अहिरा
तिरिया जानि हम करब असनान
पालट के नूआ अहीरा घर ही बिसरलौ
तिरिया जाति हम करब असनान ।
हमरो चदरियाकोसिका पहिरि करू हे असनान
अगिया लगेवौ अहिरा तोहरो चदरिया
बजर खसैबो तोहर चदरिया
तीतले भीजले जेवै अपन घर दुआर ।