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मारै छै कलेजा में टीस / खुशीलाल मंजर
Kavita Kosh से
फाटलऽ अंगिया उधारऽ पीठ
की देखै छऽ हमरऽ दीस
हम्में कलपै छी कलपी केॅ जीयै छी
फाटलऽ अ चरा केॅ कांखी में दापै छी
इज्जत बचाय लेॅ की कीनै करलौं
मांगी चांगी कपड़ा लै होकरा सीलौं
वोही सेॅ भेलऽ गरदम गीस
फाटलऽ अंगिया उघारऽ पीठ
सोना र बुतरू रहै छऽ उघारऽ
होकरो पर कै दिनऽ से दाना लेॅ नैहारऽ
कतेॅ कानैं छी कपसै छी धुनै छी माथऽ
के दै दुनियाँ में जे करबऽ लाथऽ
मारै छै हरदम कलेजा में टीस
फाटलऽ अंगिया उघारऽ पीठ
एक तेॅ निम ही आरो दोसरऽ बेवा
हाय की सताय छऽ हुमरा हो दैबा
धरम बचावऽ मरला केॅ नै मारऽ
आपनऽ इज्जत आपनै नै उघारऽ
की दुखिया पर झाड़ै छऽ रीस
फाटलऽ अंगिया उघारऽ पीठ