भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
मारो ना कोई ललन पर टोना / महेन्द्र मिश्र
Kavita Kosh से
मारो ना कोई ललन पर टोना।
मिथिला पुर के सखिया सेयानी आपन संभार लेहु नैना।
जइसन सिया जी बनीं सलोनी ओइसे सियावर सलोना।
माता-पिता के बस कुछ नाहीं करम लिखा सोई होना।
मधुरी रूप महेन्दर निरखे इहे बियाह इहे गवना।