भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
मार ही डाल मुझे चश्म-ए-अदा से पहले / मोमिन
Kavita Kosh से
मार ही डाल मुझे चश्म-ए-अदा से पहले|
अपनी मंज़िल को पहुँच जाऊं क़ज़ा से पहले|
[क़ज़ा=मृत्यु]
इक नज़र देख लूँ आ जाओ क़ज़ा से पहले,
तुम से मिलने की तमन्ना है ख़ुदा से पहले|
हश्र के रोज़ मैं पूछूँगा ख़ुदा से पहले,
तू ने रोका नहीं क्यूँ मुझको ख़ता से पहले|
[हश्र=अंजाम]
ऐ मेरी मौत ठहर उनको ज़रा आने दे,
ज़हर क जाम न दे मुझको दवा से पहले|
हाथ पहुँचे भी न थे ज़ुल्फ़ तक "मोमिन",
हथकड़ी डाल दी ज़ालिम ने ख़ता से पहले|