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मास्को / मख़दूम मोहिउद्दीन
Kavita Kosh से
मास्को के हवाई अड्डे पर उतरते हुए
हिन्द की दुखियारी जनता का सलाम ले ले
पयाम ले ले
मेरे साथ मास्को
सात नवम्बर की ज्योति से हमने रस्ता पाया
हमने अपना ख़ून बहाकर तुझ से हाथ मिलाया
जगत की जनता से मिलजुल कर जीवन गीत बनाया
तेरे नाम से तेरे काम से हर सूं दीप जलाया
हिन्द की दुखियारी जनता का सलाम ले ले
पयाम ले ले
मेरे साथी मास्को