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मिट्ठाड़ी नानी आ / मीरा हिंगोराणी

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कुर्ब जी ॻठिड़ी नानी आ,
मुहिंजी मिट्ठड़ी नानी आ,
सभ खां न्यारी नानी आ...

जाॻी रात ॿुघाए लोली,
सभ खां अॻरी सिंघी बोली,
इहौ सबकु सेखारे सा नानी आ...
मुहिंजी...

सिज-चंॾु ऐं तारनि जी,
कथा-कहाणी परियुनि जी,
रोॼु ॿुघाए सा नानी आ...
मुहिंजी...

कॾहिं त ॻुड़ जी मिट्ठी-रोटी,
सीरो-पूरी मक्खणु माखी,
खाराए प्रेम सां नानी आ!
मुहिंजी मिट्ठड़ी नानी आ...