भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
मिथिला में राम खेलथि होरी / मैथिली लोकगीत
Kavita Kosh से
मैथिली लोकगीत ♦ रचनाकार: अज्ञात
मिथिला में राम खेलथि होरी
अबीर गुलाल कुमकुम केसर
सखियन के सोभे नकबेसर
हाथ में लेलन अबीर झोरी, मिथिला में...
आजू जनकपूर रंग में सनल
मैथिल हिया आनन्द समायल
सब देखे प्रेमक टोली, मिथिला में...
सीता राम छवि अति प्यारी
नवल बसंतक महिमा न्यारी
युगल सरस मन की भोरी हो, मिथिला में...